प्रियांशी यादव कलर्स के ‘डोरी’ में मुख्य भूमिका निभाते हुए प्यार और सशक्तिकरण की विरासत बुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं

प्रियांशी यादव कलर्स के ‘डोरी’ में मुख्य भूमिका निभाते हुए प्यार और सशक्तिकरण की विरासत बुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं

वाराणसी के घाटों पर सेट किया गया, शो ‘डोरी’ का दूसरा सीज़न 22 वर्षीय डोरी के इर्द-गिर्द घूमता है, जो अपने बाबा के सपनों को हकीकत में बदलने और बुनकरों का उत्थान करने के मिशन पर है ताकि महज कारीगर की भूमिका से आगे बढ़ाते हुए उन्हें कलाकारों का सम्मान दिलवा सके। साड़ी की एम्बेसडर डोरी ‘काशी-कला’ नाम से बुनकरों का पहला ब्रांड स्थापित करना चाहती हैं। वह अपनी साड़ी के डिज़ाइनों में परंपरा और आधुनिकता का शानदार मिश्रण करते हुए एक उल्लेखनीय उद्यमशीलता की भावना दिखाकर इस धारणा को तोड़ती है कि बेटियां बोझ होती हैं, जो उसके पिता के लिए गर्व की बात है। जैसे-जैसे डोरी का साड़ी व्यवसाय बढ़ता है, वह एक वेबसाइट से डिजिटल होने की योजना बनाती है ताकि शुभी की शिक्षा और भविष्य के लिए मुनाफे को बढ़ाया जा सके। लेकिन राजनंदिनी, गुस्से की आग में जलते हुए, बुनकरों का समर्थन करने या उन्हें कोई नाम कमाने देने के डोरी के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं कर सकती। यह अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए बेचैन ताकत की भूखी तानाशाह राजनंदिनी और बुनकरों के नाम और प्रसिद्धि के अपने अधिकार और अपनी बेटी को यथोचित विरासत देने के लिए लड़ने वाली एक निडर महिला डोरी के बीच का टकराव है।

  1. हमें शो के बारे में बताएं।
    A. डोरी के दूसरे अध्याय में दिल के रिश्तों की कहानी बुनी गई है, जो सगे रिश्तों से भी ज़्यादा मजबूत होती है। इसके पहले सीज़न में, एक परित्यक्त बच्ची डोरी के सफर ने लाखों दिलों को छू लिया था, जिसे साधारण बुनकर गंगा प्रसाद ने अपनाया और अपनी परवरिश से उसे एक नई पहचान दी। अब, 14 साल आगे बढ़ते हुए, यह कहानी और भी गहराई से जारी है, यह साबित करते हुए कि खून से बढ़कर दिल का रिश्ता होता है और परवरिश पैदाइश से बड़ी होती है। डोरी अब एक सशक्त और उदार महिला बन चुकी है, जो अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उसकी ज़िंदगी में एक नया मोड़ तब आता है, जब वह एक नवजात बच्ची शुभी को बचाती है, जिसे निर्दयी ठाकुराइन राजनंदिनी ने त्याग दिया था। शुभी की संरक्षक बनकर, डोरी समाज के फैसलों से बेपरवाह होकर एक सिंगल मां की भूमिका निभाती है, जो गंगा प्रसाद द्वारा सिखाए गए मूल्यों से प्रेरित है। डोरी, शुभी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपनी साड़ी के व्यवसाय को बढ़ाने में जी-जान लगा देती है, लेकिन अनजाने में वह राजनंदिनी के गुस्से को उकसा देती है, जो डोरी की सफलता को ठाकुरों के हैंडलूम साम्राज्य के लिए खतरा मानती है। शुभी को ठुकराने वाली महिला, अब डोरी की प्रतिद्वंद्वी बनकर उसकी सफलता और सम्मान को छीनने पर तुली है। अब पहले से कहीं ज़्यादा दांव पर लगा हुआ है, डोरी को व्यवसाय की दुनिया में अपनी जगह बनाए रखने और शुभी के यथोचित अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा। डोरी का यह सफर एक बार फिर दिलों को छूने के लिए तैयार है, जहां प्यार, विरासत, और न्याय की लड़ाई इच्छाशक्ति के दिल दहलाने वाले संघर्ष में बदल जाती है।
  2. हमें अपने किरदार के बारे में बताइए।
    A. डोरी की परवरिश उसके पालक पिता गंगा प्रसाद ने की है, एक परित्यक्त बच्ची से एक बेहद प्यार करने वाली मां बनने तक का डोरी का सफर कभी आसान नहीं रहा। सीज़न 2 में, डोरी सिर्फ एक समर्पित मां ही नहीं है, बल्कि वह क्षमतावान महिला बन गई है जिससे टकराना आसान नहीं। वह एक अग्रणी उद्यमी के रूप में उभरती है, अपनी साड़ी के प्रति जुनून को एक सफल व्यवसाय में बदल देती है, ताकि शुभी को एक उज्ज्वल भविष्य दिया जा सके और बुनकरों को कलाकार के रूप में उनकी उचित प्रतिष्ठा दिलाई जा सके। डोरी बेखौफ खड़ी है, जो अपने सपनों की रक्षा करने और अपने व शुभी के लिए जो ज़िंदगी वह बड़ी मेहनत से बना रही है, उसे सुरक्षित रखने के लिए तैयार है।
  3. अपने किरदार के लिए आपने कैसी तैयारी की?
    A. दूसरे सीज़न में डोरी के सफर को समझने के लिए, मैंने सबसे पहले शो देखा ताकि समझ सकूं कि वह कैसे बड़ी हुई है। वह एक मजबूत और स्वतंत्र महिला बन गई है, जो एक सिंगल मदर और एक सफल उद्यमी के रूप में ज़िंदगी को संतुलित कर रही है। वाराणसी का लहज़ा सीखने से मुझे उसकी बुनियादी बातों और परिवेश से जुड़ने में मदद मिली। मैंने उन वास्तविक महिलाओं पर भी शोध किया जिन्होंने ऐसी ही चुनौतियों का सामना किया है, जैसे सिंगल मदर और महिला उद्यमी, ताकि डोरी की कहानी को वास्तविक एहसास दिया जा सके।
  4. कलर्स के साथ सहयोग करने का आपका अनुभव कैसा रहा?
    A. डोरी का पहला सीज़न दर्शकों के बीच काफी सफल रहा। मुझे मुख्य किरदार निभाने का अवसर दिया गया, जो मेरे लिए सम्मान की बात है। इस चैनल ने हमेशा ही समृद्ध कहानियों को मंच दिया है, और ऐसे शो का हिस्सा बनना, जो स्क्रीन पर इतना सार्थक कॉन्टेंट लेकर आता है, वाकई लाजवाब है।
  5. अपने सह-कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
    A. अमर सर और स्रीजिता मैम के साथ काम करने का अनुभव शानदार रहा। अमर सर पिता-बेटी के रिश्ते में बहुत गहराई लाते हैं, और उनके अभिनय के तरीके को देखकर मैंने बहुत कुछ सीखा है। स्रीजिता मैम बेहतरीन अभिनेत्री हैं, और उन्होंने राजनंदिनी के किरदार को जिस तरह से प्रस्तुत किया है, उससे हमारे सीन्स में गजब की गहराई जुड़ जाती है। हमारे बीच एक शानदार तालमेल है, और मैं आभारी हूं कि मुझे ऐसे प्रतिभाशाली और अनुभवी सह-कलाकारों के साथ स्क्रीन साझा करने का मौका मिला।
  6. एक अभिनेत्री के रूप में आपके लिए इस सफर का सबसे रोमांचक हिस्सा क्या है?
    A. मेरे लिए, सबसे रोमांचक हिस्सा एक पालित बेटी से एक पालक मां बनने के डोरी के रूपांतरण को निभाना रहा है। डोरी एक परित्यक्त बच्ची थी, जो कभी खुद को दुनिया में खोया हुआ महसूस करती थी, लेकिन अब वह एक मजबूत, आत्मनिर्भर महिला बन गई है, जो अब एक मां और लीडर के रूप में खड़ी है, और यह बात प्रेरणादायक और सुकून देने वाली दोनों है। इस तरह के कई पहलू वाले किरदार को निभाने की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी है। उसके बदलाव के हर चरण में उसके दर्द, उसकी दृढ़ता, उसकी परिस्थितियों से ऊपर उठने के दृढ़ संकल्प, और शुभी को प्यार और देखभाल से पालने की उसकी प्रतिबद्धता की अपनी चुनौतियां हैं। इन सभी भावनाओं को साकार करना रोमांचक अनुभव है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी बेहद चुनौतीपूर्ण है कि डोरी के सफर का हर पहलू सही गहराई और प्रामाणिकता के साथ निभाया जाए।
  7. आपके किरदार को निभाने में सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा क्या है?
    A. डोरी के पहले सीज़न की सफलता के बाद, दूसरे सीज़न में मुख्य भूमिका निभाना किसी बड़ी ज़िम्मेदारी जैसा लगा। इसके अलावा, सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा डोरी की कमज़ोरी और उसकी ताकत के बीच संतुलन बनाना है। वह ऐसी महिला है जो कई विपत्तियों का सामना करती है, लेकिन उसे फाइटर भी होना पड़ता है। इस संतुलन को पेश करना और उसके भावनात्मक जटिलता को प्रदर्शित करना मुश्किल और संतोषजनक रहा है।
  8. यह शो अन्य पारिवारिक ड्रामा से कैसे अलग है?
    A. ‘डोरी 2’ का पारंपरिक पारिवारिक अवधारणाओं को चुनौती देने का तरीका इसे अन्य पारिवारिक ड्रामा से अलग बनाता है। यह केवल खून के रिश्तों की बात नहीं है; यह उस अटूट प्रेम, विश्वास और बलिदान के बंधन के बारे में है, जो हमें एक साथ बांधता है। इस सीज़न में, डोरी का सफर यह दिखाता है कि परिवार चुना जा सकता है और भावनात्मक जुड़ाव किसी भी खून के रिश्ते से कही अधिक मजबूत और स्थायी हो सकते हैं। इस कहानी में उद्यमिता, दृढ़ता और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे विषयों को खूबसूरती से बुना गया है, जो इसे अन्य पारिवारिक ड्रामा से अलग गहराई देते हैं। यह केवल एक व्यवसाय चलाने की चुनौतियों या एक सिंगल मां के संघर्ष की कहानी नहीं है; यह एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपना रास्ता खुद बना रही है, एक गर्वित पिता की कहानी जो अपनी बेटी का समर्थन करता है, परिवार होने के मायने को नया अर्थ देता है, और करुणा व न्याय के आदर्शों पर आधारित एक विरासत के लिए लड़ता है।
  9. अपने फैंस के लिए कोई संदेश?
    A. आपके प्यार और समर्थन के लिए आप सभी का धन्यवाद। मुझे उम्मीद है कि डोरी का सफर आपको अपने सपनों के लिए लड़ने, और हर हाल में अपने आदर्शों के प्रति सच्चा बने रहने के लिए प्रेरित करेगा। हमें उम्मीद है कि आप हमें उतना ही प्यार और समर्थन देंगे जितना आपने डोरी के पहले सीज़न को दिया था, भले ही उससे ज़्यादा न सही।

‘डोरी’ में एक ऐसी कहानी के गवाह बनें जहां प्यार के बंधन खून के रिश्तों से भी ज़्यादा मजबूत हैं; इसका प्रीमियर आज रात होगा और उसके बाद हर रात 10:30 बजे केवल कलर्स पर प्रसारित होगा।

mumbaipatrika

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