बचपन की यादों से लेकर सेट की यारियों तक – ज़ी टीवी के कलाकारों ने बताईं अपनी सबसे खास दोस्तियों की कहानी

बचपन की यादों से लेकर सेट की यारियों तक – ज़ी टीवी के कलाकारों ने बताईं अपनी सबसे खास दोस्तियों की कहानी

फ्रेंडशिप डे वो दिन होता है जब हम ज़िंदगी में आई उन दोस्तियों का शुक्रिया अदा करते हैं, जो हमें खुशी, सहारा और मकसद देती हैं। यह उन लोगों का जश्न है जो हर उतार-चढ़ाव में हमारे साथ खड़े रहते हैं, जो हमें और खुलकर हंसने की वजह देते हैं, हमें थोड़ा और बेहतर जीने में मदद करते हैं और हमें अकेलेपन का एहसास नहीं होने देते। चाहे वो बचपन के दोस्त हों, काम के साथी हों, या फिर अचानक बनी कोई नई दोस्ती जो किस्मत जैसी लगे – हर रिश्ता हमारी ज़िंदगी की तस्वीर में अपना अलग ही रंग भरता है। इस साल, ‘सरू’ की अनुष्का मर्चंडे, ‘वसुधा’ के अभिषेक शर्मा, ‘तुम से तुम तक’ की निहारिका चौकसे, ‘जाने अनजाने हम मिले’ की आयुषी खुराना, ‘छोरियां चली गांव’ की ऐश्वर्या खरे और ‘जमाई नं.1के अभिषेक मलिक जैसे ज़ी टीवी के कलाकारों ने अपनी दोस्तियों की अहमियत और अपने दिल की सबसे करीबी यादें ताजा कीं।


ज़ी टीवी के शो ‘सरू’ में अनिका का किरदार निभा रहीं अनुष्का मर्चंडे कहती हैं,
“मेरे लिए दोस्ती ज़िंदगी के सबसे शुद्ध और सुकून देने वाले रिश्तों में से एक है। यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप किसी को कितने समय से जानते हैं, बल्कि इस बात पर होता है कि कौन आया, रुका और महज़ अपने होने से आपकी दुनिया को बेहतर बना दिया। मेरे सबसे अच्छे दोस्त मेरी उलझनों को जानते हैं और फिर भी मेरे साथ खड़े रहते हैं। वो मुझे प्रोत्साहित करते हैं, ज़रूरत पड़ने पर टोकते भी हैं, और हर हाल में मेरा साथ निभाते हैं। मेरी सबसे पसंदीदा यादों में से एक है – एक बेवजह की नाइट ड्राइव, बिना किसी मंज़िल के, बस म्यूज़िक, बातें और तारों भरा आसमान। ऐसे पल याद दिलाते हैं कि ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन लम्हे अक्सर अनप्लान्ड होते हैं, और वो उन्हीं के साथ सबसे खूबसूरत लगते हैं, जो घर जैसे लगते हैं। इस फ्रेंडशिप डे मैं इसे सादगी और दिल से मनाऊंगी – अपने सबसे करीब दोस्तों के साथ एक छोटा-सा गेट-टुगेदर, हाथ से लिखे नोट्स जिनमें मैं बता सकूं कि वो मेरे लिए कितने मायने रखते हैं, और साथ में बहुत सारी मस्ती, तस्वीरें और हंसी।”

ज़ी टीवी के शो ‘वसुधा’ में देवांश के रोल में नजर आ रहे अभिषेक शर्मा कहते हैं,
“दोस्ती मेरी ज़िंदगी के हर दौर का अहम हिस्सा रही है। मुझे बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त मिले हैं, लेकिन एक दोस्त स्कूल के दिनों से अब तक हमेशा मेरी यादों में सबसे ऊपर है। जब हम घंटी बजने से पहले ही टिफिन चुपके से खाते थे या फिर ब्रेक में क्रिकेट खेलते थे – वो सारी यादें आज भी चेहरे पर मुस्कान ला देती हैं। भले ही ज़िंदगी हमें अलग राहों पर ले गई हो, लेकिन जब भी हम मिलते हैं तो लगता है जैसे वक्त वहीं थम गया हो। मैं खुद को बेहद खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे स्कूल, कॉलेज, मोहल्ले और अब ‘वसुधा‘ के सेट पर भी सच्चे दोस्त मिले हैं। इस फ्रेंडशिप डे मेरा प्लान है कि पुराने दोस्तों से फिर से जुड़ सकूं, क्योंकि हमारी भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इन रिश्तों को समय देना बेहद ज़रूरी है।”

ज़ी टीवी के ‘तुम से तुम तक’ में अनु का रोल निभा रहीं निहारिका चौकसे बताती हैं,
“मेरे लिए दोस्ती हमेशा से ही मेरी ज़िंदगी की बुनियाद रही है। यह सिर्फ लोगों के साथ होने की बात नहीं है, बल्कि ऐसे गहरे और सच्चे रिश्तों को निभाने की बात है, जो वक्त की कसौटी पर खरे उतरते हैं। सच्चे दोस्त हमारे द्वारा चुना गया परिवार होते हैं। मुझे यह बहुत अच्छा लगता है कि मेरे अलग-अलग दोस्त मेरी ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं को सामने लाते हैं – कोई है जिससे घंटों सिनेमा की बातें कर सकती हूं, कोई ऐसा जो हर शॉपिंग ट्रिप को एडवेंचर बना देता है, और कोई जो हमेशा नया कैफे ढूंढने को तैयार होता है। हर दोस्ती अपनी एक चिंगारी लेकर आती है, एक अलग नजरिया, और मिलकर ये मेरी ज़िंदगी को कई रंगों से भर देती हैं। इस फ्रेंडशिप डे का मेरे पास कोई बड़ा प्लान नहीं है, लेकिन मुझे बहाव के साथ बहना पसंद है। कभी-कभी सबसे बेहतरीन यादें वो होती हैं, जो बिना प्लान किए बन जाती हैं।”

ज़ी टीवी के शो ‘जाने अनजाने हम मिले’ में रीत का किरदार निभा रही आयुषी खुराना कहती हैं,
“मेरे लिए दोस्ती हमेशा से ही ज़िंदगी का सबसे कीमती हिस्सा रही है। इस शो के सेट पर मुझे अपने को-स्टार्स भरत और उन्नति में वो सच्ची दोस्ती मिल गई। हम रोज़ शूटिंग के दौरान एक-दूसरे के साथ होते हैं, और इसी दौरान हमारा रिश्ता दोस्ती में बदल गया। मेरी सबसे प्यारी यादों में से एक है वो एक लंबा, थकाऊ दिन जब मैं पूरी तरह थक चुकी थी। उस दिन भरत हमेशा की तरह, मुझे हंसाने में कामयाब हुआ और मेरा मूड पूरी तरह बदल दिया, वहीं उन्नति मेरे लिए मेरे पसंदीदा स्नैक्स लेकर आ गई। ऐसे लम्हे मुझे एहसास कराते हैं कि ये रिश्ता कितना खास है – यह सिर्फ साथ काम करने की बात नहीं है, बल्कि हर तरह से एक-दूसरे के लिए मौजूद होने की बात है। इनके अलावा भी मेरी कुछ बहुत करीबी दोस्त हैं, एक छोटा-सा सर्कल, जो मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ताकत हैं। इस फ्रेंडशिप डे मैं सिर्फ इन खूबसूरत रिश्तों के लिए आभार महसूस करती हूं – सेट पर भी और सेट के बाहर भी – क्योंकि यही रिश्ते मुझे हर दिन आगे बढ़ने की ताकत देते हैं।”

ज़ी टीवी के ‘छोरियां चली गांव’ शो से जुड़ी ऐश्वर्या खरे बताती हैं,
“दोस्ती का मतलब है एक-दूसरे के साथ बढ़ना और एक-दूसरे के लिए एक सुरक्षित साथी होना। मेरी ज़िंदगी में मेरी दो सबसे अच्छी दोस्त शुरुआत से ही मेरे साथ हैं – मेरी बहनें। वो मेरी रात के तीन बजे की हमराज़ हैं, मेरी सबसे बड़ी सपोर्ट सिस्टम, और वो लोग हैं जो मेरे सबसे मुश्किल दिनों में भी मुझे मुस्कराना सिखा देती हैं। आज भी जब मुझे सुकून चाहिए होता है, तो सबसे पहले उन्हीं से बात करती हूं। यही अटूट रिश्ता मुझे सबसे ज्यादा आभारी बनाता है। इस फ्रेंडशिप डे मैं इस बात को सेलिब्रेट कर रही हूं कि मेरी बहनें सिर्फ मेरा परिवार नहीं, बल्कि मेरी सबसे सच्ची दोस्त भी हैं, जिन्होंने मेरी ज़िंदगी को और भी खूबसूरत बना दिया है।”

ज़ी टीवी के ‘जमाई नं.1’ में नील की भूमिका निभा रहे अभिषेक मलिक कहते हैं,
“मेरे लिए दोस्ती का मतलब हमेशा मेरे बचपन के दोस्तों से रहा है। जो दोस्तियां मासूम उम्र में बनती हैं और बड़े होकर भी साथ रहती हैं – वही सबसे मज़बूत होती हैं। मैं कभी भी बड़ी भीड़ वाली दोस्ती में यकीन नहीं रखता, मेरे लिए कुछ गिने-चुने, सच्चे लोग ही सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। अपने बचपन के दोस्तों के साथ मेरी ज़िंदगी एक खूबसूरत सफर रही है – चॉकलेट्स को लेकर बहस से लेकर कॉमिक बुक्स की अदला-बदली तक, और हर शाम साथ खेलना। अब हम साथ बैठकर ज़िंदगी के गोल्स और सपनों पर बात करते हैं। ये रिश्ते मुझे याद दिलाते हैं कि सच्ची दोस्ती इस बात पर नहीं टिकी होती कि आप कितनी बार मिलते हैं, बल्कि इस बात पर कि आप जानते हैं – चाहे कुछ भी हो, वो हमेशा आपके साथ होंगे। इस फ्रेंडशिप डे मैं उन लोगों के लिए आभारी हूं, जो मेरी ज़िंदगी के हर पड़ाव को खास बना देते हैं।”

mumbaipatrika

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