“मुझे लगता है कई लड़कियां खुद को स्नेहा की कहानी में पाएंगी” – ज़ी टीवी के ‘गंगा माई की बेटियां‘ में अहम किरदार निभा रहीं अमनदीप सिद्धू ने साझा किए अपने अनुभव

“मुझे लगता है कई लड़कियां खुद को स्नेहा की कहानी में पाएंगी” – ज़ी टीवी के ‘गंगा माई की बेटियां‘ में अहम किरदार निभा रहीं अमनदीप सिद्धू ने साझा किए अपने अनुभव

ज़ी टीवी अपने नए फिक्शन शो ‘गंगा माई की बेटियां’ के ज़रिए एक ऐसी कहानी लेकर आ रहा है, जो एक औरत की हिम्मत और जज़्बे को सलाम करती है। रवि दुबे और सरगुन मेहता के प्रोडक्शन हाउस ड्रीमियाता ड्रामा के बैनर तले बना यह शो एक ऐसी मां की कहानी है, जिसे बेटे न होने की वजह से उसका पति छोड़ देता है। लेकिन समाज की इस बेरुखी के सामने झुकने के बजाय वो डटकर खड़ी होती है और अपनी तीन बेटियों को प्यार, आत्मबल और इज़्ज़त के साथ बड़ा करती है। ज़ी टीवी के ‘आपका अपना ज़ी टीवी’ ब्रांड वादे के तहत पेश किए जा रहे इस शो में भावनाओं की सच्चाई और आत्मसम्मान की लड़ाई को खूबसूरती से दिखाया गया है। कन्नड़ शो ‘पुत्ताकाना मक्कलु’ से प्रेरित इस कहानी में मां-बेटियों के रिश्ते की गहराई और उनके संघर्ष को बेहद सच्चाई के साथ पेश किया गया है।

हाल ही में रिलीज़ हुए प्रोमो में दर्शकों को पहली बार अमनदीप सिद्धू की दमदार झलक देखने को मिली, जो शो में स्नेहा का किरदार निभा रही हैं – गंगा माई की दूसरी बेटी, जो निडर, तेज़, और अपने फैसलों पर अटल है। शो में गंगा माई का किरदार अनुभवी अभिनेत्री शुभांगी लाटकर निभा रही हैं, जो अपने भावपूर्ण अभिनय से कहानी को गहराई देती हैं। वहीं, स्नेहा के किरदार में अमनदीप की मौजूदगी तुरंत असर छोड़ती है – वो महत्वाकांक्षी है, बेबाक है और अपने परिवार की रीढ़ बन चुकी है। पिता के छोड़ देने की चोट उसके दिल में ज़रूर है, लेकिन उसने उस दर्द को ही अपना मकसद पूरा करने का जरिया बना लिया है। वो ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना चाहती है – ज़िला कलेक्टर बनना और कानून की समझ से न्याय की लड़ाई लड़ना उसका सपना है। फिर चाहे घर का टिफिन सर्विस चलाना हो या मोहल्ले में किसी के हक़ के लिए खड़ा होना – स्नेहा हर काम पूरे यकीन और आत्मविश्वास के साथ करती है। आज की कई लड़कियों की तरह, स्नेहा भी दिल से सोचती है लेकिन नज़रें हमेशा अपने मकसद पर टिकी रहती हैं।

अमनदीप सिद्धू कहती हैं,
“स्नेहा अब तक के सबसे खूबसूरत और परतदार किरदारों में से एक है। वो मज़बूत है, लेकिन उसमें नर्मी भी है। वो तेज़ है लेकिन ज़मीन से जुड़ी है। अपने बीते हुए कल से खुद की पहचान नहीं होने देती। पिता के छोड़ जाने की तकलीफ को उसने अपनी ताकत बना लिया है। वो अपने परिवार की ढाल बनती है, न्याय के लिए लड़ती है, और एक ऐसी दुनिया में बड़े सपने देखती है जो अकसर औरतों को रोकने की कोशिश करती है। मुझे लगता है उसका किरदार बिल्कुल नारियल जैसा है – बाहर से सख्त, लेकिन अंदर से बेहद कोमल और परवाह करने वाला। हमने इस दोहराव को सिर्फ़ उसके डायलॉग्स और व्यवहार से नहीं, बल्कि उसकी स्टाइलिंग में भी दिखाया है – जैसे उसका चांदी का पेंडेंट, काली बिंदी, और कई छोटी-छोटी बातें जो स्नेहा की असली पहचान बनाती हैं।”

वो आगे कहती हैं,
“मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत-सी लड़कियां स्नेहा की कहानी में खुद को देख पाएंगी। एक कलाकार के तौर पर सबसे अच्छे किरदार वही होते हैं जो आपको अंदर से झकझोरते हैं, और स्नेहा का किरदार वैसा ही है। मुझे बेसब्री से इंतज़ार है जब दर्शक उसकी कहानी देखेंगे और उसकी ताकत को महसूस करेंगे।”

जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ेगी, दर्शक देखेंगे कि किस तरह गंगा माई अपनी बेटियों को इज़्ज़त की ज़िंदगी देने के लिए हर हालात से लड़ती है। वहीं स्नेहा का न्याय के लिए संघर्ष शो की कहानी में एक नई और दमदार परत जोड़ता है।



देखना न भूलिए – एक मां की अटूट हिम्मत, उसकी ममता, और उसके जज़्बे से भरी यह खास कहानी ‘गंगा माई की बेटियां’, बहुत जल्द सिर्फ ज़ी टीवी पर!

mumbaipatrika

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *