कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ में, सोमनाथ तक पार्वती की तीर्थयात्रा के साथ ही शिव से उनके पुनर्मिलन की दिव्ययात्रा की शुरुआत हो गई है

कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ में, सोमनाथ तक पार्वती की तीर्थयात्रा के साथ ही शिव से उनके पुनर्मिलन की दिव्ययात्रा की शुरुआत हो गई है

कलर्स के ‘शिव शक्ति – तप त्याग तांडव’ में, समय के पहिये घूम चुके हैं, और त्रेता युग की शुरुआत के साथ, प्यार के लिए धीरज, त्याग और अटूट इच्छाशक्ति की ज़रूरत है। शिव के रूप में राम यशवर्धन और पार्वती की भूमिका में सुभा राजपूत अभिनीत, इस शो में अथक परीक्षाओं से भरी पार्वती के सफर की ऐसी कहानी दिखाई गई है, जिसमें उनकी भावना, क्षमता और पहचान की परीक्षा ली जाएगी।

शिव से पुनर्मिलन के लिए दृढ़ संकल्पित, पार्वती बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों की जोखिम से भरी तीर्थयात्रा पर निकलती हैं। फिर भी, उनका मार्ग अंधकार से घिरा हुआ है – दो क्रूर असुर, हेति और प्रहेति, उनकी यात्रा शुरू होने से पहले ही उसे खत्म करने का षडयंत्र रचते हैं। राक्षसों को पता है कि पार्वती की जीत से शिव और पार्वती का दिव्य मिलन, अर्धनारीश्वर का जन्म होगा, जिनके हाथों उनके आतंक के शासन का अंत लिखा है। उनके लिए, पार्वती की हिम्मत तोड़ना ही उनके बचने की एकमात्र उम्मीद है। पार्वती की कांवड़ यात्रा सोमनाथ से शुरू होती है, जहां उन्हें एक भयावह दृश्य का सामना करना पड़ता है – शिवलिंग के रूप में महादेव रो रहे हैं। जहां पार्वती उनके दुख को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, वहीं हेति और प्रहेति की कुछ और भी योजनाएं हैं।

प्रहेति एक भयानक मगरमच्छ का रूप धारण कर लेता है, जो पवित्र जल में छिपकर हमला करने की तैयारी में रहता है। जैसे ही पार्वती, जो अपने नश्वर रूप में अब कमज़ोर हैं, नदी में उतरती हैं, वह जानवर हमला कर देता है। फिर भी संकट के इस पल में, उनका दिव्य आदि शक्ति स्वरूप प्रकट होता है। रक्तरंजित लेकिन प्रबल, पार्वती उस जानवर का सामना करती हैं, जिससे धरती हिलने लगती है। एक दयालु ग्रामीण महिला पार्वती के घावों का इलाज करती है, और उनके नश्वर बाहरी स्वरूप के पीछे की देवी को पहचान जाती है। शाश्वत ज्ञान का प्रसार करते हुए, वह महिला एक गहन सत्य प्रकट करती है – शिव और पार्वती एक हैं, नियति से बंधे हैं, और कोई भी शक्ति उस बंधन को नहीं तोड़ सकती।

मौजूदा कहानी के बारे में बताते हुए, अभिनेत्री सुभा राजपूत ने कहा, हर महिला जिसने प्रेम का अनुभव किया है, वह पार्वती से सहानुभूति रखेगी, जो शिव से पुनर्मिलन के लिए तरस रही हैं। जब वह भक्ति के मार्ग पर नंगे पैर चलती हैं, तो मैं अपने दिल में उस यात्रा का भार महसूस करती हूं। पार्वती की सोमनाथ यात्रा एक पुरातन सच्चाई को उजागर करती हैकोई भी मूल्यवान चीज आसानी से नहीं मिलती। अगर शिव अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, तो पार्वती भी अपनी भक्ति के प्रति अडिग हैं और यही विश्वास उनके प्रेम को ब्रह्मांड की पहली और सबसे बड़ी प्रेम गाथा बनाता है। उनके कालातीत रिश्ते से सीखने के लिए बहुत कुछ है। मेरा मानना ​​है कि अगर हम प्रेम, धैर्य और दृढ़ता को लेकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से मार्गदर्शन लें तो रिश्ते कहीं अधिक सार्थक होंगे। पार्वती की सोमनाथ की तीर्थयात्रा हमें दिखाती है कि अपने विश्वास में दृढ़ रहने, हर परीक्षा को सहने, और अपने दिल में बसे व्यक्ति को कभी छोड़ने से ही सच्चे प्रेम को व्यक्त किया जा सकता है। मुझे यकीन है कि शो में इस ट्रैक को देखने के बाद दर्शक सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

देखियेशिव शक्तितप त्याग तांडवहर सोमवार से रविवार रात 8:00 बजे, केवल कलर्स पर।

mumbaipatrika

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