एंटी स्मगलिंग दिवस पर पीएमआई इंडिया का आह्वान – सिगरेट की काला बाजारी रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी!

एंटी स्मगलिंग दिवस पर पीएमआई इंडिया का आह्वान – सिगरेट की काला बाजारी रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी!

 फरवरी, 2025: एंटी स्मगलिंग दिवस 2025 के मौके पर, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल इंक. (PMI-पीएमआई ) की भारत स्थित सहयोगी कंपनी, PMI इंडिया ने ब्लैक मार्केट में तंबाकू के अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। यह भारत के आर्थिक हितों, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है।

सिगरेट की काला बाजारी पर लगाम लगाने की तत्काल जरूरत पर जोर देते हुए, पीएमआई इंडिया के प्रबंध निदेशक, नवनील कर ने कहा, “अवैध तंबाकू व्यापार एक गंभीर खतरा है, जो आर्थिक विकास को बाधित करता है। उपभोक्ताओं को नकली उत्पादों से बचाना और तस्करी व नकली उत्पादों पर रोक लगाना बेहद जरूरी है। पीएमआई अवैध तंबाकू व्यापार के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है। हमारी रणनीति पांच प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है-अनुसंधान और खुफिया जानकारी, सप्लाई चेन की सुरक्षा, साझेदारी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग और जागरूकता बढ़ाना।

फिक्की कैस्केड की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध व्यापार एक वैश्विक संकट है, जिससे प्रतिवर्ष 2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ डॉलर) की छाया अर्थव्यवस्था खड़ी हो जाती है, जो वैश्विक जीडीपी के 3% से भी अधिक है। दुनिया भर में खपत होने वाली सिगरेट का लगभग 11.6% हिस्सा अवैध होता है, जिससे विभिन्न सरकारों को कुल 40.5 अरब डॉलर का कर नुकसान होता है। यह अवैध व्यापार न केवल वैध व्यवसायों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सरकारों को आवश्यक राजस्व से भी वंचित करता है, आपराधिक संगठनों को वित्तीय लाभ पहुंचाता है और उपभोक्ताओं को बिना किसी गुणवत्ता नियंत्रण वाले उत्पादों के संपर्क में ला देता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिक्की कैस्केड की रिपोर्ट बताती है कि अवैध तंबाकू व्यापार के कारण भारत सरकार को 2022 में कुल 13,331 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में अवैध सिगरेट का आंकड़ा 30.2 अरब स्टिक तक पहुंच गया, जो चीन और ब्राजील के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के अनुसार, भारत अवैध तंबाकू व्यापार के लिए न केवल एक पारगमन केंद्र (ट्रांजिट हब) है, बल्कि यह तस्करी किए गए तंबाकू उत्पादों के लिए एक प्रमुख बाजार भी बन चुका है। नकली और अवैध उत्पादों की तस्करी के रास्ते पूरी दुनिया में फैले हुए हैं, जिससे यह समस्या केवल भारत तक सीमित न रहकर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गई है, जिसके समाधान के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

भारत सरकार और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI-डीआरआई) तथा कस्टम विभाग जैसे प्रवर्तन एजेंसियों ने इस समस्या से निपटने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। डीआरआई की रिपोर्ट ‘भारत में तस्करी 2023-24’ के अनुसार, समुद्र, वायु और भूमि सीमाओं के जरिये भारत में अवैध रूप से तस्करी कर लाई गई विदेशी सिगरेट की जब्ती लगभग 9.1 करोड़ स्टिक थी, जिसकी अनुमानित कीमत 179.82 करोड़ रुपये है। ये ऑपरेशन इस समस्या की गंभीरता और जटिलता को उजागर करते हैं, क्योंकि इसमें अत्याधुनिक तस्करी तकनीक और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क शामिल होते हैं।

भारत में, हमने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर अवैध सिगरेट कारोबार के खिलाफ महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे प्रयासों का मुख्य लक्ष्य सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाना और तकनीक व नवाचार के माध्यम से उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) और सुरक्षा तकनीकों के विभिन्न उपायों से लेकर सप्लाई चेन में उत्पादों को ट्रैक और ट्रेस करने तक कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। अवैध तंबाकू व्यापार को समाप्त करना जरूरी है, और यह केवल अंतर-क्षेत्रीय सहयोग, साझेदारी और सख्त कानून लागू करने से ही संभव हो सकता है।”

अवैध तंबाकू व्यापार के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, जिसमें सख्त कानून प्रवर्तन, जनजागरूकता और शिक्षा अभियान, अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क पर खुफिया जानकारी साझा करना, स्थिर कर और नियामक नीति का निर्माण, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसी पहलें शामिल हों। केवल इन सामूहिक प्रयासों से ही काले बाजार को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

mumbaipatrika

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