सर्विअर इंडिया ने भारत में लॉन्च की ‘इवोसिडेनिब’ (Tibsovo®) – दुर्लभ आईडीएच1 म्यूटेशन वाले एएमएल और कोलेन्जियोकार्सिनोमा के लिए पहली बार उपलब्ध टारगेटेड थेरेपी

सर्विअर इंडिया ने भारत में लॉन्च की ‘इवोसिडेनिब’ (Tibsovo®) – दुर्लभ आईडीएच1 म्यूटेशन वाले एएमएल और कोलेन्जियोकार्सिनोमा के लिए पहली बार उपलब्ध टारगेटेड थेरेपी

जून 2025 – फ्रांस की अग्रणी फार्मास्युटिकल कंपनी सर्विअर ग्रुप की भारतीय शाखा, सर्विअर इंडिया ने इवोसिडेनिब (Tibsovo®) नामक ओरल टारगेटेड थेरेपी लॉन्च करने की घोषणा की है। यह दवा उन कैंसर मरीजों के इलाज के लिए मंजूर की गई है जो तीव्र मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) और कोलेन्जियोकार्सिनोमा से ग्रस्त हैं और जिनमें आइसोसाइट्रेट डीहायड्रोजनेज-1 (आईडीएच1) म्यूटेशन पाया गया है। सर्विअर इंडिया को यह दवा आयात, बिक्री और वितरण के लिए 14 मई 2025 को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिली है।

सर्विअर इंडिया के मेडिकल अॅण्ड पेशन्ट अफेयर्स डायरेक्टर डॉ. प्रणव सोपोरी ने बताया, “यह थेरेपी एएमएल और कोलेन्जियोकार्सिनोमा के इलाज में एक महत्वपूर्ण विकल्प पेश करती है। हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए यह एक सटीक और प्रभावी इलाज का नया माध्यम है, जो उन मामलों में भी बेहतर परिणाम दे सकता है जहां पारंपरिक इलाज सीमित असर दिखाते हैं। यह टारगेटेड थेरेपी के फायदों और कैंसर देखभाल के क्षेत्र में नवाचार की गुणवत्ता को दर्शाती है, जो भारत में मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।”

इस घोषणा के साथ भारत में इन दुर्लभ और इलाज के लिहाज़ से जटिल कैंसर के प्रबंधन में एक अहम प्रगति हुई है। यह कदम लंबे समय से मौजूद एक गंभीर चिकित्सीय आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस अवसर पर सर्विअर इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री ऑरेलियन ब्रेटन ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि कैंसर पीड़ित मरीजों तक अत्याधुनिक और सटीक इलाज पहुंचाया जाए, खासकर उन लोगों तक जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। हम इलाज को सुलभ और किफायती बनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि देशभर में कैंसर के इलाज से जुड़ी बड़ी खाई को पाटा जा सके। यह लॉन्च हमारे इस मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें हम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को टारगेटेड इलाज के विकल्प उपलब्ध कराकर मरीजों की जीवन प्रत्याशा और जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना चाहते हैं।”

एक्यूट मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) एक जटिल रक्त संबंधी कैंसर है। अध्ययनों के मुताबिक, भारत में एएमएल से पीड़ित केवल 30–40% मरीजों को ही उचित इलाज मिल पाता है। बीमारी तेजी से बढ़ने और संक्रमण की वजह से इन मरीजों में मृत्यु दर काफी अधिक होती है। वहीं कोलेन्जियोकार्सिनोमा (सीसीए) एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर होता है, जो पित्त नलिका से उत्पन्न होता है। लक्षण न दिखने की वजह से यह बीमारी आमतौर पर तब पकड़ में आती है जब यह काफी आगे बढ़ चुकी होती है।भारत में एएमएल से पीड़ित लगभग 7 से 14% मरीजों में आईडीएच1 म्यूटेशन पाया जाता है, जिससे टारगेटेड थेरेपी इस खास समूह के लिए बेहद जरूरी बन जाती है।

इलाज की उपलब्धता को लेकर श्रीमती प्रतिमा त्रिपाठी, कमर्शियल डायरेक्टर, सर्विअर इंडिया ने कहा, “हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि यह थेरेपी भारतभर के मरीजों के लिए सुलभ और किफायती हो। इसके लिए हम हेल्थकेयर प्रोवायडर्स, पेशंट अॅडवोकेसी ग्रुप्स और नीति-निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि इलाज में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सके और मरीजों को समय पर थेरेपी मिल सके। इन साझेदारियों के ज़रिए हम इलाज के विकल्पों का दायरा बढ़ाने और मरीजों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इन उन्नत थेरेपीज़ की शुरुआत के साथ सर्विअर इंडिया ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह कैंसर के इलाज में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे मरीजों के क्लीनिकल नतीजों में सुधार हो और उनके जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

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